करि की चुराई चाल सिंह को चुरायो लंक
दूध को चुरायो रंग, नासा चोरी कीर की
पिक को चुरायो बैन, मृग को चुरायो नैन
दसन अनार, हाँसी बीजुरी गँभीर की
कहे कवे ‘बेनी’ बेनी व्याल की चुराय लीनी
रति रति सोभा सब रति के सरीर की
अब तो कन्हैया जी को चित हू चुराय लीनो
चोरटी है गोरटी या छोरटी अहीर की
this is the my favorite most hindi poem ever ...
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