मेरी पसंदीदा कविताओं का संग्रह (Collection Of My Favourite Poems)
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Monday, May 30, 2011
एक आशीर्वाद (Ek Ashirvad) - दुष्यंत कुमार (Dushyant Kumar)
जा तेरे स्वप्न बड़े हों। भावना की गोद से उतर कर जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें। चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये रूठना मचलना सीखें। हँसें मुस्कुराऐं गाऐं। हर दीये की रोशनी देखकर ललचायें उँगली जलायें। अपने पाँव पर खड़े हों। जा तेरे स्वप्न बड़े हों।
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